Bahut Kuch Hai Dil Ki Gehrai Mein,
Tadaph Jata Hai Dil Raat Ki Tanhai
Mein,
Yun To Kehne Ko Dost Bahut Hain,
Par Fark Hota Hai Saya Aur Parchhai Mein.
बहुत कुछ है दिल की गहराई में,
तड़प जाता है दिल रात की तन्हाई में,
यूँ तो कहने को दोस्त बहुत हैं,
पर फर्क होता है साया और परछाई में.
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